केहने को हम पास है पर कितनी दूरी है ये भी कैसी मज़बूरी है तुमसे हमदर्दी भी नहीं कर सकता मैं मेरे बस की बात नहीं है मैं ये बेहते आंसू पोछुं उतनी मेरी औकात नहीं है मै भी यहीं हूं तुम भी यहीं हो पर सच ये है मैं हूं कहीं तुम और कहीं केहने को हम पास है पर कितनी दूरी है ये भी कैसी मज़बूरी है