चाँद छुपा बादल में शरमा के मेरी जाना चाँद छुपा बादल में शरमा के मेरी जाना सीने से लग जा तू बलखा के मेरी जाना गुमसुम सा है गुपचुप सा है मदहोश है, खामोश है ये समा, हाँ ये समा, कुछ और है चाँद छुपा बादल में शरमा के मेरी जाना सीने से लग जा तू बलखा के मेरी जाना ~ संगीत ~ नज़दीकियाँ बढ़ जाने दे अरे नहीं बाबा नहीं अभी नहीं नहीं नहीं ये दूरियाँ मिट जाने दे अरे नहीं बाबा नहीं अभी नहीं नहीं नहीं दूर से ही तुम जी भर के देखो तुम ही कहो कैसे दूर से देखूँ चाँद को जैसे देखता चकोर है गुमसुम सा है गुपचुप सा है मदहोश है, खामोश है ये समा, हाँ ये समा, कुछ और है चाँद छुपा बादल में शरमा के मेरी जाना सीने से लग जा तू बलखा के मेरी जाना आजा रे आजा चन्दा कि जब तक तू न आयेगा सजना के चेहरे को देखने ये मन तरसा जायेगा ना ना चन्दा तू नहीं आना तू जो आया तो सनम शरमा के कहीं चला जाये ना आजा रे आजा चन्दा तू लाख दुआएं पायेगा न न चन्दा तू नहीं आना वरना सनम चला जायेगा आँचल में तू छुप जाने दे अरे नहीं बाबा नहीं अभी नहीं नहीं नहीं ज़ुल्फ़ों में तू खो जाने दे अरे नहीं बाबा नहीं अभी नहीं नहीं नहीं प्यार तो नाम है सबर का हमदम वो ही भला बोलो कैसे करें हम सावन की राह जैसे देखे मोर है रहने भी दो जाने भी दो अब छोड़ो न, यूँ मोड़ो न ये समा, हाँ ये समा कुछ और है आया रे आया चन्दा अब हर ख़्वाहिश पूरी होगी चान्दनी रात में हर सजनी अपने सजना को देखेगी आया रे आया चन्दा अब हर ख़्वाहिश पूरी होगी चान्दनी रात में हर सजनी अपने सजना को देखेगी आया रे आया चन्दा अब हर ख़्वाहिश पूरी होगी चान्दनी रात में हर सजनी अपने सजना को देखेगी